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नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप: बिहार, सिक्किम और सिलीगुड़ी में महसूस हुए झटके, जानें पूरी जानकारी

नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप: बिहार, सिक्किम और सिलीगुड़ी में महसूस हुए झटके, जानें पूरी जानकारी।

नेपाल और भारत में 6.1 तीव्रता का भूकंप: सिक्किम, बिहार और सिलीगुड़ी में झटके महसूस किए गए

“नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप”

आज 1 मार्च 2025 को नेपाल में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए और जिसकी तीव्रता 6.01 माफी गई है इसका असर भारत के कई सारे हिस्सों में देखने को मिला खासकर सिक्किम बिहार और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में तो काफी ज्यादा इस भूकंप से लोग अभी दहशत में आ गए हैं। और अपने घरों से बाहर निकलने लगे हैं। हालांकि अभी तक कोई भी बहुत बड़े जान माल के नुकसान की खबर अभी तक नहीं मिली है।

1. नेपाल में आया भूकंप: क्या है पूरी खबर?

भूकंप की मुख्य जानकारी:

तारीख: 1 मार्च 2025

समय: सुबह 5:30 बजे (IST)

तीव्रता: 6.1 रिक्टर स्केल

केंद्र: नेपाल (सटीक स्थान की पुष्टि की जा रही है)

गहराई: लगभग 10 किमी

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भूकंप का भारत में असर

नेपाल के भूकंप का असर भारत के कई राज्यों में महसूस किया गया। बिहार, सिक्किम, और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी समेत कई इलाकों में लोगों ने झटके महसूस किए। कई स्थानों पर लोग अपने घरों और ऑफिस से बाहर निकल आए।

2. सिक्किम में भूकंप का असर

सिक्किम, जो हिमालयी क्षेत्र में स्थित है, भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में आता है। नेपाल के इस भूकंप के कारण सिक्किम के कई इलाकों में हल्के से मध्यम झटके महसूस किए गए।

प्रभावित क्षेत्र:

गंगटोक: यहाँ कुछ सेकंड तक झटके महसूस हुए, जिससे लोग सतर्क हो गए।

नामची और मंगन: यहाँ भी कंपन महसूस हुआ, लेकिन किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

रवांगला और पेगोंग: कुछ स्थानों पर घरों के अंदर के पंखे और लाइटें हिलती दिखीं।

स्थानीय प्रशासन का बयान:
अब तक कोई जान-माल का नुकसान दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क हैं।

3. बिहार और पश्चिम बंगाल (सिलीगुड़ी) में भूकंप के झटके

बिहार में भूकंप का असर:

बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। विशेष रूप से पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा, पूर्णिया और कटिहार में लोग घरों से बाहर निकल आए।

सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में असर:

सिलीगुड़ी में सुबह-सुबह आए भूकंप से लोग घबरा गए।

दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी में भी झटके महसूस किए गए।

कुछ इमारतों में हल्की दरारें देखी गईं, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

 

4. नेपालनेपाल और भारत में बार-बार भूकंप क्यों आते हैं?

नेपाल और भारत का हिमालयी क्षेत्र सीस्मिक ज़ोन IV और V में आता है, जो भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र हैं।

भूकंप का कारण:

भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है, जिससे टेक्टोनिक मूवमेंट होता है।

यही प्लेट मूवमेंट बड़े भूकंप का कारण बनता है।

इससे पहले, 2015 में नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें भारी तबाही हुई थी।

5. भूकंप के दौरान क्या करें और क्या न करें?

✅ भूकंप के समय क्या करें?

मजबूत टेबल या दीवार के पास ड्रॉप, कवर और होल्ड पोजिशन अपनाएं।

यदि आप बिल्डिंग में हैं, तो लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, बल्कि सीढ़ियों से बाहर निकलें।

खुले मैदान में जाएं और पेड़, बिजली के खंभे और इमारतों से दूर रहें।

रेडियो और मोबाइल से अलर्ट लेते रहें।

❌ भूकंप के समय क्या न करें?

कांच की खिड़कियों और शीशों के पास खड़े न हों।

भागने की कोशिश न करें, इससे चोट लग सकती है।

बिना पुष्टि के अफवाहें न फैलाएं।

 

6. भूकंप के बाद की स्थिति और प्रशासन की तैयारी

प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम:

राहत दल को सतर्क कर दिया गया है।

पुलिस और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है।

आपदा प्रबंधन विभाग ने इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

अगर आपको किसी प्रकार की सहायता की जरूरत हो, तो तुरंत प्रशासन से संपर्क करें।

7. भूकंप पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. भारत में भूकंप आने की सबसे अधिक संभावना किन जगहों पर होती है?

भारत में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, बिहार, असम और नेपाल सीमा से सटे क्षेत्र सबसे अधिक भूकंप प्रभावित हैं।

2. इस भूकंप से कोई जान-माल का नुकसान हुआ है?

अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

3. अगर भूकंप आए तो सबसे सुरक्षित जगह कौन-सी होती है?

खुले मैदान सबसे सुरक्षित जगह है।

अगर बाहर नहीं जा सकते, तो किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छिपें।

दीवार से सटकर सिर और गर्दन को कवर करें।

8. निष्कर्ष

नेपाल और भारत के कई सारे हिस्सों में आज एक मार्च 2025 को 6.01 की तीव्रता का भूकंप देखा गया जिसमें सिक्किम बिहार और सिलीगुड़ी में झटके महसूस किए गए हैं। लेकिन अभी तक कोई बहुत ही बड़ा नुकसान नहीं हुआ है जो इसके विशेषज्ञ और जानकारों का कहना है कि यह इलाका सीस्मिक जोन में आता है इसलिए भविष्य में ऐसे बड़े झटके महसूस किए जा सकते हैं।
इसलिए सतर्क रहे हैं जहां भी रहे सुरक्षित रहें और प्रशासन की गाइडलाइंस का अवश्य पालन करें।

 

 

 

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