itemtype="https://schema.org/Blog" itemscope>

“महाशिवरात्रि 2025: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत नियम और शिव कृपा पाने के अचूक उपाय”

“महाशिवरात्रि 2025: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत नियम और शिव कृपा पाने के अचूक उपाय

महाशिवरात्रि 2025: महाशिवरात्रि 2025: तिथ, पूजा विधि, महत्व और व्रत के अद्भुत लाभ

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं रखते हैं और साथ में ही शिवलिंग का अभिषेक भी करते हैं और रात में जागरण भी करते हैं और साथ में भक्ति भाव से ओम नमः शिवाय का मंत्र का जब भी करते।

यह पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है अगर देखा जाए तो यह वैज्ञानिक और ज्योतिषी दृष्टि से भी काफी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है यह ऐसा माना जाता है कि इस दिन सकारात्मक ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय होती है जिसे आध्यात्मिक उन्नति होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं।

अगर आप महाशिवरात्रि 2025 के बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं, जैसे कि तिथि, पूजा विधि, महत्व, कथा, व्रत नियम और इस पर्व से मिलने वाले अद्भुत लाभ, तो यह लेख आपके लिए है।


महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

📅 महाशिवरात्रि कब है?
👉 इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।

🔱 चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025, सुबह 11:08 बजे
🔱 चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025, सुबह 8:54 बजे

🌙 निशिता काल पूजा मुहूर्त (रात्रि पूजा का श्रेष्ठ समय):
⏰ 26 फरवरी, रात 12:27 बजे से 1:16 बजे तक

✅ व्रत का पारण (व्रत खोलने का समय):
27 फरवरी 2025 को सुबह 6:57 बजे से दोपहर 3:25 बजे तक

📌 (स्रोत: हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना)

महाशिवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

महाशिवरात्रि का अर्थ होता है ‘महान रात्रि’, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष रूप से शुभ होती है। इस दिन शिव-पार्वती विवाह का उत्सव मनाया जाता है और भक्तजन भगवान शिव की पूजा करके मोक्ष (मुक्ति) की प्राप्ति की कामना करते हैं।

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?

1. भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह – इस दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था, जो शिव-शक्ति के मिलन का प्रतीक है।

2. शिवजी का तांडव नृत्य – यह दिन भगवान शिव के तांडव नृत्य का भी प्रतीक माना जाता है, जो सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार का प्रतीक है।

3. मोक्ष प्राप्ति का दिन – ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव भक्ति करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

4. विशेष ज्योतिषीय महत्व – इस दिन ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण सकारात्मक ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय होती है, जिससे व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।

महाशिवरात्रि व्रत और पूजा विधि

कैसे करें महाशिवरात्रि व्रत?

🔸 स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
🔸 पूरे दिन निराहार या फलाहार व्रत रखें।
🔸 भगवान शिव का जलाभिषेक करें और रात्रि जागरण करें।
🔸 चार प्रहर की पूजा करें और शिव मंत्रों का जाप करें।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि

(1) प्रातःकाल की पूजा:
✔️ सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
✔️ घर या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करें।
✔️ ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए जल से शिवलिंग को स्नान कराएं।

(2) चार प्रहर की पूजा (रात्रि पूजा का विशेष महत्व)
🔹 प्रथम प्रहर (शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक) – दूध से अभिषेक करें।
🔹 द्वितीय प्रहर (रात 9 बजे से 12 बजे तक) – दही से अभिषेक करें।
🔹 तृतीय प्रहर (रात 12 बजे से 3 बजे तक) – घी से अभिषेक करें।
🔹 चतुर्थ प्रहर (रात 3 बजे से सुबह 6 बजे तक) – शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।

🙏 पूजा में इन सामग्रियों का उपयोग करें:
✔️ बेलपत्र, धतूरा, भांग, गाय का दूध, गंगाजल, शहद, चंदन, कपूर, अक्षत (चावल), मिष्ठान।
✔️ दीपक जलाएं और भगवान शिव को भोग लगाकर आरती करें।
✔️ “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।

महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें?

✅ महाशिवरात्रि पर यह करें:
✔️ शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं।
✔️ रात्रि जागरण करें और शिवपुराण का पाठ करें।
✔️ ब्रह्मचर्य का पालन करें और व्रत रखें।
✔️ शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक करें।

❌ महाशिवरात्रि पर यह न करें:
❌ शिवलिंग पर हल्दी या सिंदूर न चढ़ाएं।
❌ शिव पूजा में नारियल पानी का उपयोग न करें।
❌ कांसे या स्टील के बर्तन से जल अर्पित न करें, केवल तांबे या मिट्टी के पात्र का उपयोग करें।
❌ इस दिन कटु वचन, क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें।

महाशिवरात्रि व्रत के चमत्कारी लाभ

💠 वैवाहिक जीवन में सुख – कुंवारी कन्याओं के लिए योग्य वर और विवाहित महिलाओं के लिए सुखी दांपत्य जीवन।
💠 धन और व्यापार में वृद्धि – आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
💠 रोगों से मुक्ति – स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
💠 कालसर्प दोष और शनि दोष से मुक्ति – विशेष रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से।
💠 मोक्ष प्राप्ति – यह व्रत जन्म-मरण के बंधनों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।

निष्कर्ष

महाशिवरात्रि एक पवित्र और चमत्कारी त्योहार माना जाता है बल्कि है भी इसमें भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ सभी कष्ट हमारे सभी लोगों के दूर हो जाते हैं यदि इस दिन श्रद्धा और नियमों से व्रत और पूजा किया जाए तो जीवन में सुख और समृद्धि और शांति हमेशा आती रहेगी।

🌿 “ॐ नमः शिवाय” का निरंतर जाप करें और शिव कृपा प्राप्त करें! 🌿

अगर आप लोगों को यह पसंद आता है तो इसे शेयर जरूर करें और अपने दोस्तों को और परिवार की सभी शिव भक्तों को जोड़ें हर हर महादेव

 

1 thought on ““महाशिवरात्रि 2025: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत नियम और शिव कृपा पाने के अचूक उपाय””

Leave a Comment